जब याद करता हूँ
चिड्मुडे पन्ने में लिपटी एक कहानी सी , याद आती है , मुझे भी जिंदगी अपनी , शर्दियो की धुप में बैठा , आँखे मीचे मीचे - ----जब याद करता हूँ तुम्हे !! जिंदगी की भीड़ में खुद को छुपा, मै भुला देना चाहता हूँ -हर याद मगर , कभी पीछे से - काँधे पर रख देती है हाथ , "तेरी आवाज " तेरा नाम बुलाकर !! जल्दी जल्दी दौड़ कर मै, पार करना चाहता हूँ , रेट के उस ढेर को - जो अचानक आ गया था , समय की आँधियों के संग -"दरमियाँ हमारे " पर फिसल जाता हूँ - हर बढ़ाते कदम पर ! दूर तक तलहटी में !! डूबता आशा का प्रकाश , झुझता मै बेहिसाब , जाग जाता हूँ स्वप्न से ---जब याद करता हूँ तुम्हे !!